ईद की खुशी में कम होता कोरोना का गम….

पिछले 20 दिनों में आज का ही दिन था, जब सोशल मीडिया पर पोस्ट देखकर मन खराब नहीं हुआ। छोटे-छोटे बच्चे नए कपड़े में जमीन पर उतरे फरिश्ते की तरह दिख रहे थे। नए और सुंदर लिबास में, बड़े भी खुश दिख रहे थे। कुछ लोगों ने लज़ीज़ पकवान की तस्वीर शेयर की थी। उसे देखकर मुंह में पानी आ गया। मगर, मैंने भी हिम्मत की और जो भी मेरे पास था उससे ईद मानने के लिए तैयार हो गया।

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बुनियादी सुधार की जरूरत

उच्च शिक्षा की दिशा बेहतर हो इसके लिए जरूरी है कि छात्रों को छात्रवृत्ति सहित तमाम बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं न कि छात्रों पर प्रशासन अपना फैसला थोपता रहे

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सावित्रीबाई फुले: नारीमुक्ति की अग्रणी योद्धा

सावित्रीबाई फुले रचना समग्र में सावित्रीबाई (1831-1897) की कविताएं, पत्र और भाषण शामिल हैं, जो जाति-प्रथा, अंधविश्वास, और समाज में महिला की गुलामी के खिलाफ तगड़ा विरोध दर्ज कराते हैं.

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शिक्षा ही स्त्री का गहना है : सावित्रीबाई फुले

फुले दम्पत्ति के अलावा 19वीं सदी में शायद कोई ऐसी दूसरी शख्सियतें होगीं, जिन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी वंचित समाज की शिक्षा और उत्थान के लिए लगाया हो। ज़ात-पात, अछूत प्रथा, ब्राह्मणवाद, अंधविश्वास, महिलाओं की दुर्दशा, किसानों और मजदूरों के शोषण के खिलाफ़ आधुनिक भारत में सावित्रीबाई फुले ने प्रखर तरीके से आवाज उठाया। सावित्रीबाई की इस …

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जेएनयू को विश्वविद्यालय से स्कूल बनाने की तैयारी

जेएनयू प्रशासन ने 22 दिसम्बर को एक सर्कुलर जारी किया है, अगर यह लागू होता है तो इससे जेएनयू के आजाद और प्रगतिशील चरित्र पर क्या असर होगा, इसका विश्लेषण कर रहे हैं, अखिलेश कुमार और अभय कुुमार :

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नजीब प्रकरण का एक साल : कहाँ है वह?

उन्होंने विदेश मंत्री और बीजेपी की बड़ी नेता सुषमा स्वराज का भी ज़िक्र किया। “सुना है कि सुषमा स्वराज विदेशों में लोगों को बचाती हैं। मगर जब देश में ही कोई ग़ायब हो जाये तो वह क्यों नहीं कुछ करती हैं”

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तीन तलाक़ पर उग्र राजनीति के ख़तरे

यह कौन सी “मुस्लिम-महिला हितैषी” राजनीति है, जो तलाक़ पर कोर्ट के रोक, समान नागरिक संहिता और राम-मंदिर का निर्माण जैसे अलग-अलग और विवादित मुद्दे को एक-दूसरे का पूरक समझ रही है?

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क्रिकेट की पिच पर जारी नफ़रत का खेल

साम्प्रदायिक विमर्श की तासीर देखिए कि जब तक पाकिस्तान को आप बुरा भला न कहे तब तक आप “सच्चे” देशभक्त नहीं हो सकते हैं. अगर आप मुसलमान हैं तो पाकिस्तान के ख़िलाफ़ आप को कुछ ज़्यादा ही तल्ख़ी का इज़हार करना होना.

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